शिवरात्रि पर हुआ उज्जैन में विक्रमोत्सव-2025 का भव्य शुभारंभ, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने किया उद्घाटन; सिंहस्थ-2028 की रूपरेखा का भी किया गया उद्घाटन

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन के दशहरा मैदान में 125 दिवसीय विक्रमोत्सव 2025 की शुरुआत शिवरात्रि के पावन अवसर पर हुई। इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया। विक्रमोत्सव-2025 की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। इस अवसर पर विक्रम व्यापार मेला का भी शुभारंभ किया गया। शुभारंभ अवसर पर गायक हंसराज रघुवंशी द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई। वहीं, पद्मश्री से सम्मानित आनंदन शिवमणि द्वारा भी कार्यक्रम में सांगीतिक प्रस्तुति दी गई।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रमोत्सव-2025 में पधारे जिम्बाब्वे के उद्योग एवं कॉमर्स उप मंत्री एम.के. मोदी का सम्मान किया। साथ ही प्रदेश में आयोजित होने वाले 51 प्रमुख महाशिवरात्रि मेलों का समारोह और सिंहस्थ-2028 की रूपरेखा का उद्घाटन किया गया।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर राजाधिराज भगवान महाकाल को नमन करते हुए कहा कि उज्जैन के महान सम्राट विक्रमादित्य के सुशासन की तरह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत अपने अमृत काल में कदम रख रहा है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के महानायक वीर दुर्गादास राठौर को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. यादव ने कहा कि हमारी भूमि वीरों की भूमि है और उज्जयिनी का देश के नायकों में हमेशा एक विशेष स्थान रहा है।

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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 2028 में कुम्भ का आयोजन उज्जैन में होगा, और हम इस महापर्व की तैयारियों में जुट गए हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने सिंहस्थ-2028 को भव्य और दिव्य बनाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है, ताकि यह आयोजन प्रयागराज की तरह ही शानदार हो सके। इस कार्य योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि हमने यह संकल्प लिया है कि सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालु केवल माँ क्षिप्रा के जल से स्नान करेंगे। बाबा महाकाल के आशीर्वाद से सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी और कान्ह क्लोज डक्ट परियोजनाओं के माध्यम से यह संकल्प साकार होने जा रहा है। यह उज्जैन के इतिहास में एक अद्वितीय क्षण होगा। सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना के तहत, वर्षा ऋतु में क्षिप्रा नदी का जल सिलारखेड़ी जलाशय में संचित किया जाएगा और आवश्यकता अनुसार इसे पुनः क्षिप्रा नदी में प्रवाहित किया जाएगा। इससे क्षिप्रा नदी का प्रवाह निरंतर बना रहेगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि क्षिप्रा के शुद्धिकरण के लिए कान्ह क्लोज डक्ट परियोजना का कार्य भी चल रहा है। ये सभी परियोजनाएं क्षिप्रा नदी के जल प्रबंधन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं, जिससे नदी का जल स्तर स्थिर रहेगा और प्रदूषण से सुरक्षा मिलेगी। इन प्रयासों के फलस्वरूप श्रद्धालु माँ क्षिप्रा में आस्था की डुबकी लगाएंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि सिंहस्थ-2028 के लिए नई अधोसंरचनाओं का तेजी से विकास किया जा रहा है। हाल ही में उज्जैन में अशोक पुल का उद्घाटन किया गया है। 778 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से क्षिप्रा नदी के किनारे 29 किमी लंबे घाटों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही, इंदौर और उज्जैन के बीच मेट्रो रेल सेवा भी शुरू की जाएगी।

वहीं, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने महाशिवरात्रि और विक्रम महोत्सव के अवसर पर पद्मश्री आनंद मणि को नमन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2025 के सफल आयोजन की बात की। उज्जैन की इस पवित्र भूमि ने हमेशा से भारत और उसकी संस्कृति को नई दिशा दी है। उन्होंने इस धरती के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि वे अभिभूत हैं।

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